कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई खौफनाक वारदात का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि दिल्ली सरकार के द्वारका स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल में भी एक बड़ा कांड सामने आया है. 11 अगस्त की सुबह यहां ऐसी घटना हुई कि यह अस्पताल कोलकाता का आरजी कॉलेज बनने से बाल-बाल बच गया. हालांकि हादसे के दिन वॉर्ड के मरीजों की देखभाल में लगी महिला नर्स स्टाफ अभी भी इस घटना के सदमे में है.
बताया गया कि आईजीआई अस्पताल में अन्य दिनों की तरह ही आमने-सामने बने मेल वॉर्ड और फीमेल वॉर्ड में मरीज भर्ती थे. इसी दौरान यहां एक 19 साल का लड़का भी मेडिसिन मेल वॉर्ड में भर्ती होने के लिए आया. उसे बुखार की शिकायत थी. उसके साथ अटेंडेंट के रूप में उसके पिता थे. 11 अगस्त की सुबह करीब 4 बजे जब अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ मरीज को इंजेक्शन लगाने के लिए वॉर्ड के बाहर कॉरिडोर में पहुंची तो वहां कम रोशनी थी, तभी उसने देखा कि 19 साल का वह मरीज पूरी तरह नंगा होकर फीमेल कॉरिडोर पास घूम रहा था और मास्टरबेट कर रहा था.
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मरीज को इस हालत में देख नर्सिंग स्टाफ बुरी तरह घबरा गई और चीख पड़ी. उसकी चीख सुनकर पास में ही मौजूर सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर कॉरिडोर की तरफ भागे. नर्स इतनी घबराई हुई थी कि वह भागकर अपने नर्सिग रूप में छुप गई और काफी देर तक बाहर नहीं निकली.
एकदम नग्न हालत में घूमते मरीज को जैसे तैसे डॉक्टरों ने पकड़ा और अस्पताल की सिक्योरिटी को फोन लगाया, एडमिन को सूचना दी. करीब 20 मिनट बाद वहां सिक्योरिटी के कर्मचारी आए और मरीज को अंदर वॉर्ड में किया. उसके पिता को भी जगाया और पूरी घटना बताई. इस दौरान और भी मरीज और उनके अटेंडेंट वहां आ गए. .
आईजीआई अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया कि इस घटना के कुछ घंटे बाद ही मरीज और उसका पिता अस्पताल से भाग गए. जबकि मरीज की फाइल अस्पताल में ही जमा है. हालांकि इस घटना के बाद से न केवल महिला स्टाफ बल्कि मेल डॉक्टर भी घबरा गए हैं. ऐसी घटनाओं से मेल वॉर्ड के सामने ही बने फीमेल वॉर्ड में भर्ती महिला मरीजों की सुरक्षा को भी खतरा है.
अस्पताल में हैं कई समस्याएं
आरडीए से जुड़े डॉ. ने बताया कि इंदिरा गांधी अस्पताल में नेटवर्क इश्यू है, यहां जल्दी से किसी को अप्रोच भी नहीं कर सकते. रात के समय इमरजेंसी में ही डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं. अगर किसी को जरूरत होती है तो इमरजेंसी से ही डॉक्टर पहुंचते हैं. हालांकि ग्राउंड फ्लोर से अस्पताल की ऊपरी मंजिलों तक जाने का रास्ता भी सुनसान है. लिफ्ट बिल्कुल कोने में है. अस्पताल के ज्यादातर हिस्सों में रात में अंधेरा रहता है. कैमरों का पता नहीं है और वहां कोई गार्ड भी नहीं रहता.
महिला मरीज भी डरती हैं
कुछ दिन पहले रात में नीचे से ऊपर अपने बच्चे के साथ जा रही महिला मरीज लौट आई थी. उसने कहा था कि साथ में किसी को भेज दो, अस्पताल में ऊपर जाने में अंधेरा है, डर लग रहा है. यह ऐसा अस्पताल है जहां रात में ड्यूटी करने में डॉक्टर भी डरते हैं. यहां पहले भी कुछ अजीबोगरीब घटनाएं होती रही हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 18:04 IST