हीट वेव से बिलबिलाइए मत! चिलचिलाती गर्मी के होते हैं जबर्दस्‍त फायदे, सुनकर हो जाएंगे सन्‍न

Heat benefits on body: मई-जून की भीषण गर्मी ने लोगों का पसीना तक सुखा दिया है. 45 डिग्री सेल्‍स‍ियस तक पहुंच चुके तापमान में लोग गर्मी से बिलबिलाने लगे हैं. यही वजह है कि स्‍कूलों में भी छुट्टियों का एलान कर दिया गया है. हीट वेव्स से होने वाले नुकसानों के चलते न केवल स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय बल्कि सभी राज्‍यों और जिलों में पब्लिक हेल्‍थ एक्‍सपर्ट लोगों को बचाव की सलाह दे रहे हैं. लेकिन क्‍या आपको पता है कि जिस गर्मी से आप बिलबिला रहे हैं उसके फायदे भी होते हैं. मौसम की ये तपिश आपके शरीर को फौलाद बनाने का काम करती है.

आपको जानकर अचंभा होगा लेकिन चिलचिलाती गर्मी आपके शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है. दिल्‍ली के सर गंगाराम अस्‍पताल के इंटरनल मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. एम वली कहते हैं कि जिस गर्मी में 10 मिनट खड़े होने पर ही आप बेहाल हो रहे हैं, कभी आपने सोचा है कि उस भीषण गर्मी में पेड़, पौधे, पशु, पक्षी और मजदूर कैसे बचे रह पाते हैं.

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डॉ. वली कहते हैं, ‘हमारे शरीर के लिए, अत्यधिक गर्म मौसम के संपर्क में आने से कुछ स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं. ज्‍यादा तापमान के दौरान, हमारा शरीर हीट शॉक प्रोटीन (एचएसपी) और कोल्‍ड शॉक प्रोटीन नाम के दो बेहद महत्‍वपूर्ण पदार्थों का उत्पादन करता है. ये दो प्रोटीन हैं जिनकी वजह से शरीर में इम्‍यूनिटी यानि रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है. अक्‍सर गंभीर बीमारी कैंसर जैसी स्थिति में अनियंत्रित होने वाली कोशिकाओं को लेकर ये प्रोटीन तय करते हैं कि क्षतिग्रस्त कोशिकाएं मर जाएं. साथ ही नई कोशिकाएं जन्‍म लें. इतना ही नहीं ये दोनों प्रोटीन हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं, ताकि किसी भी रोग से लड़ा सके. खास बात है कि ये शरीर में तनाव भी कम करते हैं और मस्तिष्क की रक्षा करते हैं.’

हीट शॉक प्रोटीन कितना जरूरी?
हीट शॉक प्रोटीन कितने जरूरी हैं इस पर एल्सेवियर द्वारा प्रकाशित पुस्तक ब्रेनर इनसाइक्लोपीडिया ऑफ जेनेटिक्स में हीट शॉक प्रोटीन पर एक अध्याय में रूसी विज्ञान अकादमी की साइबेरिया शाखा के साइटोलॉजी और जेनेटिक्स संस्थान के मिखाइल पोरोमेन्को कहते हैं, ‘हीट शॉक प्रोटीन विशेष प्रोटीन होते हैं. ये तब बनते हैं जब कोशिकाएं अपने सामान्य विकास तापमान से ऊपर के तापमान के संपर्क में आती हैं. एचएसपी का संश्लेषण एक सार्वभौमिक घटना है, जो मनुष्यों के अलावा अध्ययन किए गए सभी पौधों और जानवरों की प्रजातियों में भी होती है.

शॉक प्रोटीन और मेंटल हेल्‍थ

मूलचंद अस्पताल के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र नागपाल कहते हैं, ‘शॉक प्रोटीन का कॉग्निटिव क्षमताओं पर पॉजिटिव असर देखा गया है. इन प्रोटीन के द्वारा ब्रेन की खतरनाक अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी कुछ बीमारियों की प्रोग्रेस को धीमा किया जा सकता है. ये प्रोटीन ब्रेन में नुकसान को रोकते हैं. यहां तक कि अवसाद के रोगियों में भी यह फायदेमंद हैं.

कैसे बढ़ता है शॉक प्रोटीन

बढ़ते तापमान और गर्मी के अलावा, अन्‍य दिनों में हीट और कोल्‍ड शॉक प्रोटीन शरीर में इन तरीकों से भी बढ़ता है.

. एक्‍सरसाइज
कार्डियोवैस्‍कुलर और स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से भी शरीर का तापमान बढ़ता है और हीट शॉक प्रोटीन का उत्‍पादन बढ़ता है.

. स्‍टीम बाथ
स्‍टीम बाथ यानि सॉना बाथ लेने से भी एचएसपी बढ़ता है. रेगुलर सॉना बाथ से ब्रेन, लंग्‍स, स्किन की हेल्‍थ ठीक रहती है साथ ही शरीर में इन्‍फ्लेमेशन का स्‍तर पर घटता है.

. ठंडे पानी से नहाना
एक्‍सरसाइज करके शरीर का तापमान बढ़ने के बाद ठंडे पानी से नहाने से कोल्‍ड शॉक प्रोटीन का उत्‍पादन बढ़ता है.

. सूर्य की रोशनी लेना
सुबह-सुबह कुछ देर सूर्य की रोशनी में रहने से भी शरीर का तापमान बढ़ता है और इससे हीट शॉक प्रोटीन पैदा होने लगता है. साथ ही शरीर में विटामिन डी का प्रोडक्‍शन भी बढ़ता है.

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Tags: Health News, Heat stress, Heat Wave, Minimum Temperature, Trending news

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