मात्र दो साल में आंखों से उतारा चश्मा…मोतियाबिंद से मिली मुक्ति, बस किया ये दो प्राणायाम

गोड्डा: सुखी जीवन जीने के लिए व्यक्ति को जीवन भर स्वस्थ रहना सबसे पहली प्राथमिकता होती है. और हमेशा स्वस्थ रहने के लिए अच्छे खान पान के साथ नियमित व्यायाम भी अति आवश्यक है. व्यायाम से आप बिना अंग्रेजी दवाइयों के बड़ी-बड़ी बीमारियों से भी राहत पा सकते हैं. ऐसे ही एक जीते जागते उदाहरण हैं गोड्डा के विजय कुमार सिंह. जिन्हें 50 वर्ष के उम्र के बाद आंखों की रोशनी कम होने लगी और कुछ भी दिखाई नहीं देने लगी.

डॉक्टर ने बताया कि उन्हें मोतियाबिंद हो चुका है और पुणे ऑपरेशन करना होगा. जिसके लिए तत्काल प्रभाव से उन्हें चश्मा दिया गया. लेकिन उन्होंने पतंजलि के योग गुरु से मिलकर योग शुरू किया. मात्र 2 वर्षों में ही उन्हें चश्मा की आवश्यकता भी नहीं होने लगी. और उनके देखने की क्षमता सही हो गई. अब वह बिना चश्मा के ही हर वस्तु को साफ तरीके से देख सकते हैं.

वृद्धावस्था में खुद को महसूस कर रहे हैं जवान
विजय कुमार सिंह ने लोकेल 18 से बात चीत में बताया कि वह पिछले 14 वर्षों से निरंतर व्यायाम कर रहे हैं. आंखों की समस्या के साथ उम्र के साथ होने वाली कई बीमरियां व्यायाम की वजह से आज दूर हो चुके हैं. वृद्धावस्था में भी वह खुद को योवनावस्था की तरह महसूस करते है.

किया ये दो प्राणायाम
गोड्डा के पतंजलि योग गुरु निर्मल केसरी ने बताया कि दो प्रकार का योग जिसमें कपाल भांति और आंखो का सूक्ष्म प्राणायाम होता है. इसमें दोनों हाथों को सटकर अपने आंखों के सामने रखना है. उसके बाद अपनी नजरों को दोनों अंगूठे में का रखना है. अपने हाथों को बाई ओर से 10 बार दाई ओर और फिर दोबारा दाईं ओर से 10 बार बाई ओर घूमना है. यह व्यायाम विशेष कर आंखों के लिए है. जिससे आंखों की समस्या दूर होती है.

FIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 14:15 IST

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