बड़े काम का है राजस्थान के धोरों में पाया जाने वाला यह फल, लड्डू, चूरमा और शराब बनाने में आता है काम-This fruit, found in the Dhors of Rajasthan, is very useful, it is used in making laddus, churma and liquor

सिरोही : राजस्थान से गुजरने वाली अरावली पर्वतमाला में एक विशेष प्रकार का पेड़ पाया जाता है, इस पेड़ पर लगने वाले फल, फूल, पत्ते और छाल का आयुर्वेद में विशेष महत्व है. आदिवासी समुदाय के लोग भी इससे आय अर्जित करते हैं. इसका देसी तरीके से शराब बनाने में भी उपयोग होता है.
हम बात कर रहे हैं महुआ के पेडों की. आदिवासी क्षेत्र में इन पेडों का विशेष महत्व है.

देशी तरीके से इससे शराब बनाने के अलावा खान-पान में भी इसका उपयोग होता है. यह पेड़ मुख्य रूप से आदिवासी बहुल भाखर क्षेत्र के मीन, तलेटी व जाम्बुड़ी गांव में पाए जाते हैं. अरावली की पहाडियों में सिरोही जिले के अलावा उदयपुर जिले में ये पेड़ बहुतायत में पाए जाते हैं. यह पेड़ बहुत तेजी से बढ़ता है और लगभग 12 से 15 मीटर तक इसकी लंबाई पहुंच सकती है. इसमें मार्च के माह में सफेद रंग के छोटे-छोटे फूल लगते हैं.

शराब के अलावा बनाया जाता है लड्डू, ढोकला और चूरमा
आदिवासी क्षेत्र में इसकी देशी तरीके से शराब बनाई जाती है. महुआ के पत्तों को सूखाकर गांठ बनाकर गर्म पानी में उबालते हैं. इसके बाद उसे आटे में मिक्स कर ढोकला बनाया जाता है. इसके अलावा महुआ का चूरमा बनाकर भी आदिवासी क्षेत्र में इसका सेवन किया जाता है. कई स्थानों पर महुआ के लड्डू बनाकर भी खाए जाते हैं. महुआ के पत्ते, टहनी, फूल और फलों का इस्तेमाल अलग-अलग प्रकार की आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में उपयोग किया जाता है. गर्म पानी में महुआ का पाउडर मिलाकर या महुआ के रस को पानी के साथ मिलाकर सेवन किया जाता है.

महुआ में प्रोटीन, फाइबर व कार्बोहाइड्रेट्स तत्व
इस पेड़ पर लगने वाले फल, फूल, छाल व पत्तों के बारे में आयुर्वेद विभाग से सेवानिवृत अतिरिक्त निदेशक व वरिष्ठ आयुर्वेद अधिकारी डॉ. केश‌‌व भारद्वाज ने बताया कि महुआ में प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स, सैपोनिन और टैनिन समेत कई तत्व पाए जाते हैं. जो शरीर को अलग-अलग प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं. इस पेड़ की छाल भी डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत उपयोगी है. सही तरीके से इस्तेमाल करने से डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में भी ये पेड़ मददगार होता है.

शुगर लेवल कम करता है महुआ का फल
महुआ का फल मीठा होने के बावजूद ये शुगर लेवल कम करने का काम करता है. जिनका शुगर लेवल कम है, उन्हें इस फल का सेवन नहीं करना चाहिए. दांत में दर्द या दांत संबंधी कोई भी तकलीफ होती है, उसे महुआ के पेड़ की छाल का इस्तेमाल करना चाहिए. इस पेड़ की छाल को पीसकर पानी में घोलकर कुल्ला करने से दांत के दर्द में आराम मिलता है. सर्दी जुकाम व खांसी में भी जल्दी ठीक करने में मदद मिलती है. महुआ के फल से निकलने वाले बीज का तेल एंटीबैक्टीरियल होता है, जो एक्जाइमा बीमारी में काफी उपयोगी होता है.

Tags: Health, Local18, Rajasthan news

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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