देसी दवाओं का गोदाम है यह पेड़, हजारों की दवाएं फेल कर देंगे इसके पत्ते, सैकड़ों बीमारियां ठीक करने की क्षमता !

Benefits of Moringa Powder: तमाम पेड़-पौधों में औषधीय गुण पाए जाते हैं और उनका सही तरीके से सेवन करने से कई बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है. इनमें से एक मोरिंगा का पेड़ है, जिसे देसी दवाओं का खजाना कहा जा सकता है. मोरिंगा का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा में सैकड़ों सालों से किया जा रहा है और इस पेड़ के सभी हिस्सों में लाभकारी तत्व पाए जाते हैं. मोरिंगा के पत्ते, फूल, छाल और जड़ों का इस्तेमाल अलग-अलग तरीकों से किया जाता है. इसके पत्तों को सुखाकर और पीसकर पाउडर तैयार किया जाता है. जिसका सेवन सालों तक किया जा सकता है.

वेब एमडी की रिपोर्ट के मुताबिक मोरिंगा का पेड़ एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. इसके पत्तों को सबसे ज्यादा चमत्कारी माना गया है. कई रिसर्च में पता चला है कि मोरिंगा के पत्तों में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम और कई लाभकारी विटामिन होते हैं. इसके पत्तों का इस्तेमाल मलेरिया और टाइफाइड बुखार में किया जाता रहा है. इन पत्तों को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से राहत दिलाने वाला भी माना जाता है. मोरिंगा के पत्तों को पीसकर बनाए जाने वाले पाउडर में प्रोटीन, मिनरल्स, अमीनो एसिड, पावरफुल एंटीऑक्सिडेंट और फ्लेवोनोइड होते हैं.

जानकारों की मानें तो मोरिंगा के पाउडर का सेवन करने से लिवर, किडनी, हार्ट और फेफड़ों के टिश्यूज को प्रोटेक्ट करने में मदद मिलती है. मोरिंगा के पत्तों को नेचुरल पेनकिलर भी माना जाता है. मोरिंगा के पत्तों का उपयोग एंटीसेप्टिक के रूप में भी किया जा सकता है. शुगर के पेशेंट्स के लिए मोरिंगा पाउडर बेहद फायदेमंद हो सकता है. एक रिसर्च के मुताबिक मोरिंगा पाउडर का सेवन करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है. इतना ही नहीं, मोरिंगा पाउडर को इम्यूनिटी बूस्टर भी माना जाता है.

मॉडर्न रिसर्च बताती हैं कि मोरिंगा पाउडर में विटामिन, फ्लेवोनोइड्स, एल्कलॉइड्स और अन्य बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं. ये कंपाउंडर हाइपरटेंशन, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, इंसुलिन रजिस्टेंस, नॉन-एल्कोहॉलिक लिवर डिजीज, कैंसर और इंफ्लेमेशन जैसी बीमारियों के इलाज में फायदेमंद है. रिसर्च से पता चलता है कि मोरिंगा पाउडर जैसे एंटीइंफ्लेमेटरी पदार्थ का सेवन करने से महिलाओं को स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है. यह गैस्ट्रिक अल्सर और गैस्ट्रिक कैंसर का कारण बनने वाले बैक्टीरिया से भी बचाने में काफी मददगार हो सकता है.

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