गर्मी में होनी चाहिए ऐसी डाइट, इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो चेहरे से ही दिखने लगेंगे बीमार

Best Food For Summer: इस समय देशभर में भीषण गर्मी का प्रकोप है. ऐसी गर्मी में लोग लू, डिहाइड्रेशन जैसी कई समस्याओं का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में आपकी डाइट बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है. आप क्या खाते हैं और क्या नहीं खाते ये बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि वातावरण के हिसाब से खाना जरूरी हो जाता है. जब देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है तो मौसम के अनुसार खान-पान में बदलाव करना बहुत जरूरी है. अगर मौसम के अनुसार खान-पान में बदलाव न किया जाए तो आप कई गंभीर समस्याओं का शिकार हो सकते हैं.

डाइट विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
डाइटिशियन स्वाति बिश्नोई के मुताबिक, गर्मी में शरीर में पानी की कमी खासतौर पर महसूस होती है. शरीर का पानी गर्मी द्वारा इवैपोरेट होता है. हमारे शरीर का अधिकांश भाग पानी से भरा हुआ है. अगर पानी कम हो जाए तो शरीर में दिक्कतें पैदा होने लगती हैं. जिसके कारण डिहाइड्रेशन, अत्यधिक गर्मी में लू लगना, बदहजमी, किडनी का सिकुड़ना, पेशाब में जलन, पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए गर्मी के मौसम में ज्यादा से ज्यादा लिक्विड यानी तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए. हरी सब्जियां, सलाद, सूप, दही, छाछ और खिचड़ी साथ ही बाहर के स्नैक्स और फास्ट फ्रूट या जंक फूड की जगह घर का हल्का नाश्ता या ताजे फल खाना चाहिए. विशेषकर तरबूज, सीताफल, अनानास, नारियल पानी, संतरा, मोसंबी, सफेद जंबू, फालसा, अंगूर जैसे फल और इनका रस शरीर को ठंडक पहुंचाने वाला होता है.

गर्मी में शरीर को मिलना चाहिए ऐसा आहार
गर्मी में शरीर को राहत मिले ऐसा आहार लेना चाहिए. इसके अलावा सभी भारी भोजन बंद कर देना चाहिए. गर्मियों में पाचन शक्ति बहुत कमजोर हो जाती है इसलिए भारी भोजन नहीं करना चाहिए. इस मौसम में मीठा और हल्का भोजन करना चाहिए. आप अपने आहार में गुड़, पीठा, परवल, बथुआ, छिलके सहित आलू, करेला, कच्चा केला, आंवला, दूध, आंवला, संतरा, आम, कोकम, नारियल आदि शामिल कर सकते हैं.

जैसे हम मौसम बदलने के साथ अपने कपड़े बदलते हैं, वैसे ही मौसम के अनुसार खान-पान में भी बदलाव करना जरूरी है. आयुर्वेद भी व्यक्ति को मौसम के अनुसार भोजन करने की हिदायत देता है. शरीर में तीन दोषों (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करना बहुत जरूरी है. खासकर गर्मी के मौसम में वात दोष बढ़ जाता है, इसलिए इसे नियंत्रित करने के लिए खान-पान की कुछ आदतों में बदलाव करना जरूरी है. आयुर्वेद में ऋतुचर्या का विस्तार से वर्णन किया गया है. ऋतुचर्या एक प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति है, जो दो शब्दों से मिलकर बनी है. इसमें ऋतु का अर्थ है ऋतु और चर्या का अर्थ है आहार या अनुशासन. इस प्रकार हर मौसम के अनुसार खान-पान करके व्यक्ति स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रह सकता है.

आयुर्वेद के मुताबिक क्या खाना चाहिए
आयुर्वेद के मुताबिक, गर्मी के मौसम में हमें ऐसा आहार खाना चाहिए, जो शरीर में ताजगी लाने का काम करे. इस मौसम में ठंडी तासीर वाली और चिपचिपी चीजों का सेवन अधिक करना चाहिए. इसके लिए आप ठंडे दूध-चावल की खीर, छाछ, लस्सी, आम पना, नारियल पानी, नींबू पानी, खीरा, तरबूज, मौसमी फलों का रस, पुदीना, गुलकंद, सौंफ और धनिया का सेवन कर सकते हैं.

गर्मी में न करें इन चीजों का सेवन
गर्मी में ज्यादा तला-भुना खाना न खाएं. लाल मिर्च की जगह काली मिर्च का अधिक प्रयोग करें. चाय-कॉफी कम पियें. यह शरीर को डिहाइड्रेट करता है, ग्रीन टी अधिक पिएं. धूम्रपान कम करें और बासी भोजन से बचें.

Tags: Ayurveda Doctors, Health benefit, Summer Food

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