Ashadha Amavasya 2024: कब है आषाढ़ अमावस्या, 5 या 6 जुलाई? जानें सही तारीख, मुहूर्त, 2 उपाय से बढ़ेगा धन, सुख-समृद्धि

आषाढ़ अमावस्या के दिन स्नान, पितरों के लिए तर्पण, दान आदि करने का महत्व है. हर मा​ह में एक अमावस्या आती है, जो कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को होती है. ऐसे में आषाढ़ अमावस्या आषाढ़ माह के कृष्ण की अमावस्या तिथि को होगी. इस साल आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई को है या फिर 6 जुलाई को है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं आषाढ़ अमावस्या की सही तारीख के बारे में.

आषाढ़ अमावस्या 2024 सही तारीख
आषाढ़ अमावस्या की सही तारीख को जानने के लिए उस तिथि के प्रारंभ और समापन के समय ​को जानना होगा. साथ ही यह देखना होगा कि आषाढ़ अमावस्या की तिथि में सूर्योदय किस तारीख को है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या की तिथि का प्रारंभ 5 जुलाई को 04:57 एएम से होगा और उस दिन सूर्योदय 05:29 ए एम पर होगा. इस तिथि का समापन 6 जुलाई को 04:26 एएम पर होगा और उस दिन सूर्योदय 05:29 ए एम पर होगा.

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अब देखा जाए तो 5 जुलाई को सूर्योदय के समय आषाढ़ अमावस्या की तिथि होगी, जबकि 6 जुलाई को अमावस्या तिथि सूर्योदय से पूर्व ही खत्म हो जाएगी. ऐसे में आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई शुक्रवार को होगी. यही इसकी सही तारीख है.

ध्रुव योग और आर्द्रा नक्षत्र में है आषाढ़ अमावस्या
इस बार की आषाढ़ अमावस्या ध्रुव योग और आर्द्रा नक्षत्र में है. उस दिन ध्रुव योग प्रात:काल से लेकर 6 जुलाई को 03:49 ए एम तक है, वहीं आर्द्रा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर 6 जुलाई को 04:06 ए एम तक है.

आषाढ़ अमावस्या तिथि में 20 मिनट का सर्वार्थ सिद्धि योग
आषाढ़ की अमावस्या तिथि में सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, लेकिन यह 6 जुलाई को बनेगा. यह 6 जुलाई को 04:06 ए एम से 05:29 ए एम तक है. अमावस्या तिथि 6 जुलाई को 04:26 एएम तक है. ऐसे में यह योग 20 मिनट का है. सर्वार्थ सिद्धि योग एक शुभ योग है, जिसमें किए गए कार्य सफल होते हैं.

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आषाढ़ अमावस्या के उपाय
1. आषाढ़ अमावस्या के दिन आप पवित्र नदियों में से किसी एक में स्नान करें. उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र, फल और एक पात्र का दान जरूर करें. इससे आपको पुण्य लाभ होगा. आपके सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होगी.

2. आषाढ़ अमावस्या के अवसर पर प्रात:काल में स्नान के करने के बाद अपने पितरों को स्मरण करें. कुशा के पोरों से उनको जल, काले तिल, सफेद फूल आदि से तर्पण दें. तर्पण देने से पितर तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं. इससे धन, दौलत, सुख, समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion

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