खरगोन: अगर आप भी यह मानते हैं कि बच्चों की इम्यूनिटी पॉवर मजबूत होती है, वें कुछ भी खाएं, सबकुछ डायजेस्ट कर लेंगे. तो यें आपकी गलत फहमी है. गर्मी में मौसम में बच्चों के खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. अन्यथा, टाइफाइड, डीहाइड्रेशन जैसी बीमारियां बच्चें को हो सकती है. तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं इस मौसम में बच्चों की क्या डाइट होनी चाहिए? और इन चीजों का परहेज करना सेहत के लिए फायदेमंद रहेगा.
गलत खान-पान से बच्चे को होगी यह बीमारी
खरगोन जिले के शासकीय अस्पताल में पदस्थ डॉ. स्वप्निल श्रीवास्तव (MBBS) ने लोकल 18 को बताया की जिले में भीषण गर्मी पड़ रही है. टेंप्रेचर 44 से 45 डिग्री बना हुआ है. ऐसे माता पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की बच्चें को वहीं चीजें खिलाएं पिलाएं जो उसकी सेहत के लिए फायदेमंद हो और किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाए. क्योंकि गलत चीजों का सेवन करने से बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. बच्चें डिहाइड्रेशन, टाइफाइड जेसी बीमारियों से ग्रसित होकर बीमार पड़ सकते है.
यें चीजों करें डाइट में शामिल
0 से 6 माह तक के बच्चों को सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए. 6 माह से 2 साल तक के बच्चों को मां के दूध के साथ सेमी सॉलिड फूड (दलिया, खिचड़ी) भी देना चाहिए. 2 से 5 साल तक के बच्चों को सेमी सॉलिड फूड के साथ लिक्विड के रूप में फल-फ्रूट भी देना चाहिए. इससे उनके अंदर पानी कमी नहीं होगी. 5 साल के ऊपर के बच्चों को घर का बना शुद्ध खाना देना चाहिए. पानी की प्रचुर मात्रा के लिए फ्रूट जूस देना चाहिए. इससे बच्चों में इलेक्ट्रोलाइड और पानी की कमी नहीं होगी.
इन चीजों से करें परहेज
डॉक्टर ने कहा की इस भीषण गर्मी में बाहर का खाना, कोल्ड्रिंक सहित जंक फूड का सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. इसलिए बच्चों को बाहर का खाना नहीं खिलाना चाहिए. जंक फूड और कोल्ड्रिंक तो बिलकुल भी नहीं दें.
धूप और लूं से बचाव के उपाय
डॉ. स्वप्निल श्रीवास्तव ने कहां तापमान बहुत ज्यादा है. अस्पताल में हर दिन डिहाइड्रेशन, टाइफाइड के मरीज आ रहें है. अभी देखा जा रहा है की टाइफाइड साथ उल्टी, दस्त में भी डिहाइड्रेशन हो रहा है. इसलिए जरूरत ना हो तो बच्चों को तेज धूप में नहीं लें जाएं. खासकर दोपहर 12 से 4 बजे तक घर से बाहर नहीं निकलें. अन्यथा, लूं या डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकते हैं.
डिहाइड्रेशन के लक्षण
डॉक्टर ने बताया की बच्चों में चिड़चिड़ापन आना, सुस्त हो जाना, भूख नहीं लगना, यें डिहाइड्रेशन के सामान्यतः लक्षण होते है. ऐसी स्थिति में तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में लाकर डॉक्टर से उपचार करना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : June 3, 2024, 13:20 IST