बीते दिनों नासा के अधिकारियों ने जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (Nasa JPL) में एक मीटिंग की। इस दौरान टेलिस्कोप को कमांड दी गई कि वह अपने ट्रांसमीटर को बंद कर दे। वैज्ञानिक इसके सभी डेटा को स्टोर कर रहे हैं, ताकि इसके सभी कामों को संरक्षित रखा जा सके।
खास बात है कि यह मिशन सिर्फ 10 महीनों के लिए प्लान किया गया था, लेकिन अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद Neowise लगातार एस्टरॉयड का पता लगाता रहा और नासा को 14 साल से ज्यादा वक्त तक इसने सर्विस दी। 2009 में लॉन्चिंग के वक्त इसका नाम WISE यानी वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर था। तब इसका मकसद आसमान में इन्फ्रारेड को स्कैन करना था।
हाल ही में इसने अंतरिक्ष की अपनी आखिरी तस्वीर ली और हाइबरनेशन मोड में चला गया। अब यह पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। इस साल के आखिर तक या 2025 की शुरुआत में यह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करके जल जाएगा। पृथ्वी पर इसकी दोबारा एंट्री की तारीख नासा ने अभी नहीं बताई है।
कौन लेगा Neowise की जगह?
नासा ने NEOWISE के ऑप्शन के रूप में NEO Surveyor (नियर अर्थ ऑब्जेक्ट सर्वेयर टेलीस्कोप) को चुना है। इस टेलीस्कोप को साल 2027 तक स्पेस में भेजने की तैयारी है। यह टेलीस्कोप भी पृथ्वी के नजदीक आने वाले उन ऑब्जेक्ट्स का पता लगाएगा, जो हमारे ग्रह के लिए खतरा बन सकते हैं।
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