MIT रिसर्चर्स ने ”Future Self” नाम के चैटबॉट से बात करके लोगों को बेहतर निर्णय लेने में मदद करने का तरीका इजाद किया है। यह टूल यूजर्स के भविष्य के वर्जन के समान बर्ताव करता है। MIT की रिसर्च के अनुसार, टूल यूजर्स के साथ एक सफल जीवन से सलाह और ज्ञान शेयर करता है। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रोजेक्ट के एक हेड पैट पाटरानुतापॉर्न का कहना है कि इस रिसर्च का मकसद लोगों को लॉन्ग टर्म के बारे में सोचने और अपने व्यवहार में उस हिसाब से सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
यह प्रोटोटाइप मनोवैज्ञानिक सिद्धांत पर आधारित है, जिसके जरिए खुद के भविष्य वाले वर्जन की कल्पना करके वर्तमान व्यवहार और फैसलों को प्रभावित किया जा सकता है। खुद के भविष्य के वर्जन के साथ बातचीत करके, यूजर्स अपने वर्तमान कार्यों पर विचार कर सकते हैं और उनके लॉन्ग टर्म परिणामों पर विचार कर सकते हैं। यह तरीका लोगों को हेल्थ, करियर और पर्सनल रिलेशन्स के बारे में बेहतर फैसले लेने में मदद कर सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट यूजर्स के भविष्य के वर्जन को रेप्लिकेट करने के लिए एडवांस AI एल्गोरिदम का इस्तेमाल करता है, जो यूजर्स की वर्तमान जीवनशैली और लक्ष्यों के आधार पर व्यक्तिगत सलाह और रिफ्लेक्शन प्रदान करता है। OpenAI के GPT3.5 द्वारा पावर्ड चैटबॉट यूजर्स के साथ बातचीत करता है और उनके इनपुट के आधार पर इनसाइट्स और सलाह देता है। इस इंटरैक्शन को आकर्षक और व्यावहारिक बनाने के लिए डिजाइन किया गया है, जो एक्सपीरिएंस को शैक्षिक और प्रेरक दोनों बनाता है।
रिपोर्ट बताती है कि 344 वॉलंटियर के साथ शुरुआती ट्रायल में अच्छे रिजल्ट दिखे। इसमें चैटबॉट से बात करने के बाद वॉलंटियर को चिंता में कमी महसूस हुई और वे अपने भविष्य के प्रति अधिक आत्मविश्वासी दिखाई दिए।
रिसर्चर्स का मानना है कि इस टेक्नोलॉजी का आत्म-सुधार और मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा और अच्छा प्रभाव पड़ सकता है। किसी के भविष्य के साथ गहरे संबंध को बढ़ावा देकर, चैटबॉट का लक्ष्य लॉन्ग टर्म इच्छाओं और शॉर्ट टर्म लक्ष्यों के बीच अंतर को कम करना है, जिससे लोगों को ऐसे ऑप्शन चुनने में मदद मिलेगी, जो उनकी भविष्य की आकांक्षाओं के साथ अधिक निकटता से मेल खाते हैं।